द फॉलोअप डेस्क
कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के बावजूद कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने सामाजिक कार्यकर्ता गुलाम रसूल मागरे (Ghulam Rasool Magray) की उनके घर के भीतर गोली मारकर हत्या कर दी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह चौंकाने वाली घटना कुपवाड़ा जिले के कनी खास इलाके में शनिवार रात हुई। गंभीर रूप से घायल मागरे को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह वारदात ऐसे समय में सामने आई है जब घाटी में हालिया पहलगाम हमले के बाद हाई अलर्ट जारी है।
घर के भीतर घुसकर की गई फायरिंग
इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया है कि हमलावर सीधे गुलाम रसूल मागरे के घर में घुसे और उन पर गोलियां चला दीं। हमले के बाद बंदूकधारी फरार हो गए। हमले में मागरे को गंभीर चोटें आईं। उन्हें तुरंत हंदवाड़ा के जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें श्रीनगर के एसएमएचएस (SMHS) अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन गंभीर चोटों के चलते उनकी जान नहीं बच सकी। अधिकारियों के मुताबिक, 44 वर्षीय मागरे के पेट और कलाई में गोली लगी थी।
पहलगाम हमले के बाद सख्त सुरक्षा, फिर भी वारदात
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब बीते मंगलवार को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद से घाटी में चौकसी बढ़ा दी गई थी। उस हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय नागरिक मारे गए थे। इसके बाद से सुरक्षाबलों ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया और संदिग्धों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की। अब तक 2,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है और कई घरों पर छापेमारी की गई है। बावजूद इसके, कुपवाड़ा की यह घटना घाटी में जारी सुरक्षा चुनौतियों को उजागर करती है। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस हमले का आतंकवाद से कोई सीधा संबंध है या नहीं।